tag:blogger.com,1999:blog-4686969660328097610.post4958963954229551817..comments2013-05-22T00:37:25.089-07:00Comments on khushi: sochhttp://www.blogger.com/profile/02357997538209881609noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-4686969660328097610.post-46807311216426218482010-05-14T02:31:16.655-07:002010-05-14T02:31:16.655-07:00मनुष्य ही एक ऐसा अकेला प्राणी है जिस को उत्तेजित ह...मनुष्य ही एक ऐसा अकेला प्राणी है जिस को उत्तेजित होने के लिए किसी ना मौसम की जरूरत है ना ही समय की ! तो ये कहना उचित नहीं होगा " ये समां कल हो ना हो " ! जहाँ तक मुझे ज्ञात है , सम्भोग करते समय ,यह क्रिया पूर्ण रूप से हर्मोंसे पर अर्श्रित होती है जो की मानव शरीर से स्त्रावित होता है ! पुरुष के आन्तरिक अंगो से nitrixoxide gass स्त्रावित होती है जिस की वजह से वह उत्तेजित होते है ! स्त्रियों की धमनियों में रक्त चाप इतना अधिक बढ जाता है वो उत्तेजित हो जाती है , ये सब इन्द्रयों के समर्थन से होता है ! तो ये निराधार है , की सम्भोग में व्यवधान की कोई वजह हो सकती हैkaranhttps://www.blogger.com/profile/05310364503489839720noreply@blogger.com