Sunday, 10 May 2009
करियर बनाना कोई उलझन नहीं!
करियर की सफलता और करियर की असफलता ही एक तरह से जिंदगी की सफलता और असफलता होती है। यही बात है कि करियर को लेकर हर युवा तनावग्रस्त रहता है। सिर्फ युवा ही क्यों, उसके माँ-बाप भी करियर को लेकर तनाव में रहते हैं। इस तनाव के कई कारण होते हैं। एक सबसे महत्वपूर्ण कारण वे कई उलझनें होती हैं जो अक्सर निराधार होती हैं। मगर उनके बारे में दिमाग में बनी कई आशंकाएं परेशान किए रहती हैं। इन उलझनों को लेकर कुछ सोच-समझकर उठायें गये कदम हमेशा सफलता की ओर लेकर जाते है। एक्सपर्ट आपको हमेशा सलाह देते है कि करियर की शुरूआत करते ही अपनी सैलरी बारगेनिंग करनी चाहिए। अक्सर होता यह है कि फ्रेशर्स कुछ भी मिल जाये की तर्ज पर चलते है जिससे कंपनी वाले उनका शोषण करते है जैसे कि फ्रेशर्स जिन सुविधाओं के हकदार है वो उनको नहीं मिल पाते। इसीलिये नौकरी पर सैैलरी पैकेज के लिये हमेशा सख्त रहें। आजकल इंटरनेट का जमाना है, लेकिन यह भी एक उलझन है कि कई जॉब साइट्स पर अपना रिज्यूम डालने के बाद भी नौकरी की कॉल नहीं आती। याद रखें कि जॉब हासिल करने के लिये आपको मेहनत करनी भी जरूरी है क्योंकि जॉब साइट्स को रोजाना कम से कम २५० से भी ज्यादा रिज्यूम आते है जिनको कटऑफ करना आसान नहीं होता, इसीलिये हमेशा याद रखें कि रिज्यूम मेल करने से नौकरी नहीं मिल जाती। इसलिए नौकरी पाने के लिए दूसरे तरीकों पर भी अमल करना चाहिए मसलन- प्लेसमेंट एजेंसी, अखबारों में अपाइंटमेंट सप्लीमेंट या कंसल्टेंसी फर्म्स आदि से मदद लेनी चाहिए। इसके अलावा जिन कंपनियों ने कोई वैकेंसी ऑफर नहीं निकाला वहां पर भी अपना रिज्यूम भेजना लाभदायक हो सकता है क्योंकि आपकी योग्यता, क्वालिफिकेशन और एक्सपीरियंस के आधार पर आपको इनफॉरमल इंटरव्यू कॉल आ सकता है। यह आपकी क्रिऐटिविटी पर भी निर्भर करता है। तो फिर जॉब बदलने से कोई इमेज खराब नहीं होती। हालांकि इतनी कोशिश तो जरूर करनी चाहिए कि कहीं एक साल से पहले नौकरियाँ न बदलें। इससे एम्प्लॉयर पर थोड़ा-सा फर्क पड़ता है, क्योंकि किसी भी जगह की चीजों को समझने में कुछ वक्त तो लगता ही है। वो जमाने गये जब पढ़ाई के आधार पर नौकरी की तलाश हुआ करती थी। आज भले ही आप बहुत विद्वान न हों, तो भी आज हर तरह की क्वालिफिकेशन रखने वालों के लिए नौकरी मौजूद है। अगर आपको कहीं से इंटरव्यू के लिए बुलावा आता है, तो उसका मतलब यह है कि आपकी योग्यता और अनुभव एम्प्लॉयर के मुताबिक है। ऐसे में आपको बस इंटरव्यू के दौरान यह साबित करना है कि आपका ही क्यों चयन किया जाए। एम्प्लॉयर अपने तरीके से तलाश लेता है कि आप में काबिलियत कितनी है। अगर आप जरूरतमंद है लेकिन आपमें वो काबिलियत भी है तो एम्प्लॉयर की नजर में इस बात का कोई खास असर नहीं होगा। अपनी काबिलियत को बेहतरीन तरीके से पेश करने की कला ही आपकी कीमत है।
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