Wednesday, 29 April 2009

देखो, देखो यह भी देखो!

चुनानी महारथ के
बीच बिकती इनकी चमक है
भाई, बहन रिश्तों की कब्र बनी
अब तो सब कुछ मनी
है मैं तो जानती थी यही होने वाला है
क्योंकि इस चुनावी खेल में
एक दिन देखो राजा भी रंक है।

No comments:

Post a Comment